Global Positioning System (GPS)– A Boon to the world | Explained in Hindi -2024
Global Positioning System
क्या आपने कभी सोचा है कि आप अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके दुनिया में कहीं भी अपना रास्ता कैसे ढूंढ सकते हैं ? यह सब GPS की बदौलत संभव है ! जीपीएस एक अत्याधुनिक तकनीक है जो हमें पृथ्वी पर हमारे सटीक स्थान का पता लगाने में मदद करती है।
तो चलिए आज जानते है जीपीएस को गेहराइये से। ये कैसे काम करता है ? ये कितने तरह का होता है ? और पॉपुलर एप्प्स जैसे गूगल मैप्स, जोमाटो, स्विग्गी, ओला, उबेर कैसे जीपीएस को इस्तेमाल करते है ?
What is GPS ?
GPS का पूरा नाम ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (Global Positioning System) है। यह एक ऐसा उपग्रह आधारित नेविगेशन सिस्टम है जो हमें पृथ्वी पर कहीं भी अपनी सटीक लोकेशन पता लगाने में मदद करता है।
आसान शब्दों में कहें तो GPS अंतरिक्ष में कई उपग्रहों का एक जाल है जो लगातार संकेत भेजते रहते हैं। आपका मोबाइल फोन या GPS डिवाइस इन संकेतों को प्राप्त करके यह पता लगा लेता है कि आप पृथ्वी पर कहां हैं।
What is the principle of GPS ?
GPS, यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, उपग्रहों और जियोमेट्री के सिद्धांतों पर काम करता है। आइए इसे थोड़ा और विस्तार से समझते हैं:
- उपग्रहों का जाल: GPS 24 से ज्यादा उपग्रहों के नेटवर्क पर आधारित है। ये उपग्रह पृथ्वी की सतह से लगभग 20,000 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में घूमते रहते हैं।
- संकेत भेजना: हर उपग्रह में एक परमाणु घड़ी होती है जो बहुत सटीक समय रखती है। ये उपग्रह लगातार रेडियो सिग्नल भेजते रहते हैं जिनमें उनका सटीक समय और स्थिति की जानकारी होती है।
- संकेत प्राप्त करना: आपका GPS डिवाइस (जैसे आपका मोबाइल फोन) इन रेडियो सिग्नलों को रिसीव करता है।
- दूरी की गणना: डिवाइस सिग्नल मिलने के समय और भेजे जाने के समय के अंतर से हर उपग्रह से अपनी दूरी की गणना करता है।
- स्थान निर्धारण: कम से कम 4 उपग्रहों से दूरी की जानकारी मिलने के बाद, त्रिकोणमिती (trigonometry) के सिद्धांतों का उपयोग करके डिवाइस आपके पृथ्वी पर तीन (3D) निर्देशांक (latitude, longitude और altitude) निर्धारित कर लेता है।
इस तरह से GPS टेक्नोलॉजी उपग्रहों से मिलने वाले संकेतों और जटिल गणितीय गणनाओं के सहयोग से आपका सही स्थान बता पाती है।
How many types of GPS are there ?
दरअसल, GPS खुद एक तरह का सिस्टम है और इसके अंदर अलग-अलग प्रकार नहीं होते हैं। हालांकि, कई देशों ने अपना स्वतंत्र उपग्रह नेविगेशन सिस्टम विकसित किया है, जिन्हें हम GPS का विकल्प समझ सकते हैं। उदाहरण के लिए:
- संयुक्त राज्य अमेरिका: GPS (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम)
- रूस: GLONASS (ग्लोनास)
- यूरोपीय संघ: Galileo (गैलिलियो)
- चीन: BeiDou (बेइदोउ)
आप विभिन्न डिवाइसों में पा सकते हैं कि वे GPS के साथ-साथ इनमें से किसी अन्य उपग्रह नेविगेशन सिस्टम को भी सपोर्ट करते हैं। इससे बेहतर सटीकता और सिग्नल रिसेप्शन मिल सकता है।
How apps like google maps, zomato, ola, uber and etc, uses gps ?
गूगल मैप्स, Zomato, ओला, उबर जैसे कई ऐप GPS का उपयोग विभिन्न तरीकों से करते हैं:
- स्थान दिखाना: ये ऐप आपके डिवाइस के GPS से लोकेशन डाटा प्राप्त करते हैं और फिर उस डाटा का उपयोग करके आपको मानचित्र पर आपकी मौजूदा स्थिति दिखाते हैं. उदाहरण के लिए, गूगल मैप्स में आपकी नीली डॉट आपकी लोकेशन को दर्शाती है।
- दुआँओं का पता लगाना: आप जब किसी रेस्टोरेंट, टैक्सी, या किसी अन्य चीज़ को इन ऐप्स पर ढूंढते हैं, तो वे GPS का उपयोग करके उस जगह की दूरी और रास्ते का पता लगाते हैं.
- निकटतम सेवाएं ढूंढना: Zomato जैसे रेस्टोरेंट ऐप या ओला/उबर जैसी राइड-हाiling ऐप्स आपके GPS डाटा का उपयोग करके आपके आस-पास के रेस्टोरेंट या उपलब्ध कैब ढूंढने में मदद करती हैं.
- रास्ता दिखाना: गूगल मैप्स या अन्य नेविगेशन ऐप किसी गंतव्य तक जाने का रास्ता दिखाने के लिए आपके डिवाइस के GPS का उपयोग करते हैं. वे ट्रैफिक जानकारी को भी शामिल कर सकते हैं ताकि आपको सबसे तेज़ या सबसे कम दूरी वाला रास्ता दिखाया जा सके।
- स्थान-आधारित सेवाएं प्रदान करना: कई ऐप स्थान-आधारित सेवाएं प्रदान करती हैं, उदाहरण के लिए, आपको यह बताना कि आस-पास कौन सी दुकानें खुली हैं या किसी खास इलाके के लिए मौसम की जानकारी देना। ये सारी सुविधाएं आपके डिवाइस के GPS डाटा के इस्तेमाल से ही संभव हो पाती हैं।
कुल मिलाकर, GPS इन ऐप्स को आपके लिए ज़्यादा उपयोगी और सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Conclusion
GPS निस्संदेह आधुनिक दुनिया की एक महत्वपूर्ण तकनीक बन चुकी है। इसने नेविगेशन के क्षेत्र में क्रांति ला दी है, और हमें खो जाने के डर से काफी हद तक मुक्त कर दिया है। GPS की वजह से रास्ते ढूंढना, नई जगहें explore करना और लोकेशन-आधारित सेवाओं का लाभ उठाना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है।
भविष्य में, उम्मीद की जाती है कि GPS तकनीक और भी विकसित होगी और इससे भी ज़्यादा सटीक और कारगर तरीके से हमें रास्ता दिखाएगी।
हमें उम्मीद है की आपको ये ब्लॉग में “Global Positioning System” के बारे में जान्ने को बहुत कुछ नया मिला होगा।
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