IFRS Full Form | IFRS 9,10,15,16 | IFRS Certification Courses
IFRS Full Form
IFRS का पूरा रूप है “अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक“।
IFRS stands for “International Financial Reporting Standards“.
What is IFRS in Hindi ?
IFRS का हिंदी में पूरा नाम “अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक” है।
यह लेखांकन नियमों और विनियमों का एक समूह है जो यह नियंत्रित करता है कि कंपनियां अपने वित्तीय विवरणों में लेनदेन और अन्य घटनाओं को कैसे रिपोर्ट करें। इसे लेखांकन ढांचे के रूप में भी जाना जाता है।
सरल शब्दों में कहें तो, IFRS यह सुनिश्चित करता है कि दुनिया भर की विभिन्न कंपनियां अपने वित्तीय प्रदर्शन को एक समान तरीके से रिपोर्ट करें. इससे निवेशकों और अन्य लोगों के लिए वित्तीय विवरणों की तुलना करना आसान हो जाता है।
What is IFRS 9,10,15,16 ? Explained in Hindi
IFRS 9, 10, 15 और 16 अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक (IFRS) के विशिष्ट मानक हैं, जिनमें से प्रत्येक वित्तीय विवरणों के एक अलग-अलग पहलू को संबोधित करता है। आइए इन्हें हिंदी में थोड़ा और विस्तार से देखें:
IFRS 9: वित्तीय संपत्तियों और वित्तीय देयताओं का वर्गीकरण और मापन
यह मानक यह तय करता है कि कंपनियां अपने वित्तीय निवेशों और उधार को कैसे वर्गीकृत और मूल्य दें।
इसमें यह शामिल है कि कब किसी संपत्ति या दायित्व को बिक्री के लिए उपलब्ध के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए और कब इसका मूल्य उचित बाजार मूल्य पर रिपोर्ट किया जाना चाहिए।
IFRS 10: ग्राहकों के साथ अनुबंधों से राजस्व
यह मानक यह निर्धारित करता है कि कंपनियां ग्राहकों के साथ किए गए अनुबंधों से कब और कितना राजस्व मान्यता दें।
इसमें यह शामिल है कि प्रदर्शन के दायित्वों का आकलन कैसे किया जाए और राजस्व को कब मान्यता दी जानी चाहिए।
IFRS 15: लीज
यह मानक पट्टों (लीज) के लेखांकन से संबंधित है. इसमें वित्तीय विवरणों में पट्टेदाता (पट्टा देने वाला) और पट्टेदार (पट्टा लेने वाला) दोनों के लिए आवश्यकताओं को शामिल किया गया है।
यह स्पष्ट करता है कि किन परिस्थितियों में किसी पट्टे को वित्तीय पट्टे के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए और कंपनियों को इसे अपने वित्तीय विवरणों में कैसे रिपोर्ट करना चाहिए।
IFRS 16: आस्थिकरण संपत्तियों
यह मानक कंपनियों द्वारा उपयोग की जाने वाली आस्तियों, जैसे कि भवन और उपकरण, के पट्टों से संबंधित है।
यह बताता है कि अधिकांश पट्टों को कंपनी की बैलेंस शीट पर कैसे मान्यता दी जानी चाहिए, जिससे वित्तीय विवरणों में पारदर्शिता बढ़ जाती है।
IFRS 9, 10, 15 और 16 जटिल मानक हो सकते हैं, और इनके कार्यान्वयन के लिए एक पेशेवर सलाहकार की सहायता लेना फायदेमंद हो सकता है।
IFRS Certification Courses
IFRS प्रमाणन पाठ्यक्रम आपको अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (IFRS) को समझने और लागू करने में दक्षता प्रदान करते हैं। ये पाठ्यक्रम वित्तीय पेशेवरों, जैसे लेखाकारों, वित्त विश्लेषकों और कंपनी सचिवों के लिए फायदेमंद होते हैं।
पाठ्यक्रम कहाँ से प्राप्त करें ? (Where can we get it from) ?
आप कई संस्थानों से हिंदी में IFRS प्रमाणन पाठ्यक्रम प्राप्त कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (Institute of Chartered Accountants of India – ICAI)
- भारतीय लागत एवं प्रबंधन लेखाकार संस्थान (The Institute of Cost Accountants of India – ICMAI)
- राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (National Institute of Financial Management – NIFM)
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे UpSkilling, Udemy आदि (Online platforms like UpSkilling, Udemy etc).
पाठ्यक्रमों में क्या शामिल है ? (What is covered in the courses) ?
IFRS प्रमाणन पाठ्यक्रमों में आम तौर पर निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- IFRS के मूल सिद्धांत
- विभिन्न IFRS मानक, जैसे IFRS 9, 10, 15 और 16
- IFRS को वित्तीय विवरणों में लागू करना
- प्रमाणपत्र परीक्षा की तैयारी (कुछ पाठ्यक्रमों में)
अतिरिक्त जानकारी (Additional Information)
- IFRS प्रमाणन पाठ्यक्रम लेना वैकल्पिक है, लेकिन यह नियोक्ताओं के लिए आकर्षक हो सकता है, खासकर यदि आप वित्तीय क्षेत्र में काम करना चाहते हैं।
- पाठ्यक्रम चुनते समय, अनुभव और प्रतिष्ठा वाले संस्थान को चुनना महत्वपूर्ण है।
- यह भी सुनिश्चित करें कि पाठ्यक्रम अद्यतन IFRS मानकों को कवर करता है।
- आशा है कि यह जानकारी आपको हिंदी में IFRS प्रमाणन पाठ्यक्रमों को समझने में मदद करेगी !
हमें उम्मीद है की आपको ये ब्लॉग में “IFRS Full Form” के बारे में जान्ने को बहुत कुछ नया मिला होगा।
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