China On TOP ? India’s Top Trading Partner | 2024 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार कौन बना ?
India’s Top Trading Partner
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वैश्विक व्यापार बेहद अहम है। इसीलिए यह जानना दिलचस्प होता है कि आखिर भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार कौन सा देश है। खबरों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में इस मामले में एक अहम बदलाव देखने को मिला है। आइए आगे पढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं कि 2024 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार कौन बना है।
Who is India’s top trading partner in 2023-2024 ?
वित्त वर्ष 2023-24 में चीन (China) भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार के रूप में फिर से शीर्ष पर पहुंच गया। आर्थिक थिंकटैंक जीटीआरआई (GTRI) के आंकड़ों के अनुसार, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 118.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया।
गौरतलब है कि इससे पहले दो वित्त वर्षों (2021-22 और 2022-23) में अमेरिका (USA) भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार रहा था। उस दौरान भारत को अमेरिका से होने वाले निर्यात में बढ़ोतरी देखी गई थी।
Reasons for the change:
चीन के शीर्ष पर वापसी के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ संभावित कारण इस प्रकार हैं:
- आयात में वृद्धि: आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 में भारत ने चीन से होने वाले आयात में 3.24% की वृद्धि देखी।
- निर्यात में मामूली वृद्धि: दूसरी ओर, भारत से चीन को होने वाले निर्यात में केवल 8.7% की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
- अमेरिका-भारत व्यापार में गिरावट: इसी दौरान अमेरिका से भारत को होने वाले निर्यात में लगभग 20% की कमी आई। साथ ही, भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात में भी मामूली गिरावट देखी गई।
Top products imported from China to India ?
चीन, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच व्यापार में आयात का एक बड़ा हिस्सा चीनी सामानों का है। आइए देखें कि चीन से भारत में कौन-कौन से प्रमुख उत्पाद आयात की जाती हैं:
1. इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार उपकरण
- स्मार्टफोन (Smartphone)
- लैपटॉप (Laptop)
- टेलीविजन (Television)
- पावर सप्लाई (Power Supply)
- अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Other Electronics Items)
भारत की विशाल और तकनीक-प्रेमी आबादी के लिए चीन से आयात किए गए किफायती इलेक्ट्रॉनिक उपकरण घरेलू खपत और विनिर्माण को पूरा करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
2. मशीनरी, परमाणु रिएक्टर और बॉयलर
चीन से आयात की जाने वाली मशीनरी औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति देने में सहायक होती है।
3. कार्बनिक रसायन
इन रसायनों का उपयोग विभिन्न उद्योगों जैसे दवा, प्लास्टिक और रसायन उद्योग में किया जाता है।
4. प्लास्टिक
कच्चा प्लास्टिक और प्लास्टिक से बने विभिन्न उत्पाद चीन से भारत आयात किए जाते हैं।
5. उर्वरक
भारत की कृषि क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए चीन से उर्वरक आयात किए जाते हैं।
6. ऑप्टिकल, फोटो, तकनीकी और चिकित्सा उपकरण
चीन से आयात किए जाने वाले इन उपकरणों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे चिकित्सा, शिक्षा और अनुसंधान में किया जाता है।
7. लोहा और इस्पात
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और निर्माण उद्योगों के लिए कच्चा लोहा और इस्पात चीन से आयात किया जाता है।
8. वाहन पुर्जे और वाहन
दोपहिया और चार पहिया वाहनों के पुर्जे तथा कुछ वाहन भी चीन से आयात किए जाते हैं।
Products which India export to China
चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार जरूर है, लेकिन यह ध्यान देना ज़रूरी है कि व्यापार द्विपक्षीय होता है। जहाँ भारत चीन से कई चीजें आयात करता है, वहीं भारत चीन को भी कई उत्पादों का निर्यात करता है। आइए देखें कि भारत चीन को कौन-कौन से प्रमुख उत्पाद भेजता है:
1. कच्चे माल
- लौह अयस्क– चीन में इस्पात उद्योग की भारी मांग को पूरा करने में भारत से लौह अयस्क का निर्यात महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- कपास– भारत दुनिया का एक प्रमुख कपास उत्पादक देश है और चीन को कच्चे कपास का निर्यात करता है।
2. रसायन
जैविक रसायन– दवा और अन्य रासायनिक उत्पादों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले जैविक रसायन भारत से चीन भेजे जाते हैं।
3. खाद्य उत्पाद
- समुद्री खाद्य उत्पाद– मछली और अन्य समुद्री खाद्य उत्पाद भारत से चीन को निर्यात किए जाते हैं।
- प्रसंस्कृत सब्जियां– भारत से चीन को निर्यात किए जाने वाली प्रसंस्कृत सब्जियां उनकी गुणवत्ता के लिए जानी जाती हैं।
4. इंजीनियरिंग सामान
लौह और इस्पात उत्पाद– कच्चे माल के साथ-साथ भारत चीन को लौह और इस्पात से बने विभिन्न उत्पादों का भी निर्यात करता है।
5. वस्त्र
कच्चा कपास के अलावा, भारत चीन को तैयार कपड़ा उत्पादों का भी निर्यात करता है।
6. अन्य उत्पाद
- खनिज
- प्लास्टिक उत्पाद
- दूरसंचार उपकरण
- दवाइयां
Conclusion:
वित्त वर्ष 2023-24 में चीन फिर से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है। यह आंकड़ा दिलचस्प है, क्योंकि पिछले दो वर्षों में अमेरिका शीर्ष पर था। चीन के शीर्ष पर वापसी के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें भारत से चीन को होने वाले निर्यात में मामूली वृद्धि और चीन से भारत को होने वाले आयात में उल्लेखनीय वृद्धि शामिल है। इसके अलावा, अमेरिका-भारत व्यापार में भी थोड़ी गिरावट देखी गई।
हालांकि, यह बदलाव स्थायी होगा या नहीं, यह देखना अभी बाकी है। भारत सरकार वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने और आयात कम करने के लिए कई कदम उठा रही है, जिससे भविष्य में अन्य देश भी भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में उभर सकते हैं। साथ ही, यह भी दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में क्या बदलाव आते हैं।
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