What is Zero Income Tax Return ? Benefits, Online File, Penalty [ पूरी जानकारी -2024]
What is Zero Income Tax Return ?
शून्य आयकर रिटर्न (नील रिटर्न) एक आयकर विवरणी होती है जिसे आप उस वित्तीय वर्ष में फाइल करते हैं, जिसमें आपकी कर योग्य आय शून्य है या आयकर दायरा (टैक्स स्लैब) से कम है।
भारत में, वर्तमान वित्तीय वर्ष (2023-24) के लिए, 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को कोई कर नहीं देना होता है।
लेकिन अगर हम जीरो इनकम होने पर भी टैक्स रेतुर्न फाइल करते है तो हमे इसका क्या फायदा मिलेगा ? और फिर हम अपने इस टैक्स को रिफंड कैसे ले सकते है ?
Zero Income Tax Return Benefits
शून्य आयकर रिटर्न भरने के फायदे:
- भविष्य में ऋण प्राप्त करना आसान: भले ही आपकी वर्तमान में कोई कर देयता न हो, शून्य आयकर रिटर्न दाखिल करना भविष्य में ऋण प्राप्त करने में आपकी मदद कर सकता है। यह आपकी आय का प्रमाण और वित्तीय स्थिति का दस्तावेज के रूप में कार्य करता है।
- सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद: कुछ सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के लिए आयकर रिटर्न अनिवार्य होता है। शून्य आयकर रिटर्न दाखिल करके, आप इन योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए पात्र हो सकते हैं।
- विदेशी वीजा आवेदन के लिए मदद: आपका आयकर रिटर्न वीजा आवेदन करते समय आपकी वित्तीय स्थिति का प्रमाण के रूप में काम कर सकता है।
- क्रेडिट इतिहास बनाने में सहायता: शून्य आयकर रिटर्न दाखिल करना आपके क्रेडिट इतिहास को स्थापित करने में मदद कर सकता है, जो भविष्य में ऋण प्राप्त करने और क्रेडिट कार्ड की पात्रता बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
- भविष्य की कर देयताओं से बचाव: भले ही आप वर्तमान में कर नहीं दे रहे हों, भविष्य में आपकी आय बढ़ सकती है। समय पर शून्य आयकर रिटर्न दाखिल करना भविष्य में किसी भी दंड या विवाद से बचने में मदद करता है।
Zero Income Tax Return VS Income More Than Tax Slab Benefits
शून्य आयकर रिटर्न और आयकर स्लैब से अधिक आय वाले रिटर्न के लाभों में अंतर, जबकि दोनों प्रकार के रिटर्न दाखिल करना महत्वपूर्ण है, शून्य आयकर रिटर्न और आयकर स्लैब से अधिक आय वाले रिटर्न के लाभों में काफी अंतर होता है। आइए इन दोनों को समझते हैं:
शून्य आयकर रिटर्न (नील रिटर्न):
लाभ:
- भविष्य में ऋण प्राप्त करना आसान।
- सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद।
- विदेशी वीजा आवेदन के लिए सहायता।
- क्रेडिट इतिहास बनाने में मदद।
- भविष्य की कर देयताओं से बचाव।
कर लाभ:
चूंकि आपकी आयकर देयता शून्य है, इसलिए इस रिटर्न में सीधे कर लाभ शामिल नहीं होते हैं।
आयकर स्लैब से अधिक आय वाले रिटर्न:
लाभ:
- आपके द्वारा भुगतान किया गया अतिरिक्त कर कुछ कटौतियों और छूटों का लाभ उठाकर कम किया जा सकता है।
- कुछ निवेशों पर कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- आयकर रिटर्न दाखिल करने से आपकी वित्तीय स्थिति का आधिकारिक दस्तावेज बन जाता है।
कर लाभ:
आयकर स्लैब के अनुसार विभिन्न दरों पर कर का भुगतान करना पड़ता है। निवेश और खर्चों पर कुछ कटौती और छूट का लाभ उठाने के बाद, आपकी वास्तविक कर देयता कम हो सकती है।
सारांश:
- शून्य आयकर रिटर्न मुख्य रूप से भविष्य के लाभ और वित्तीय स्थिति के दस्तावेज के रूप में कार्य करता है।
- आयकर स्लैब से अधिक आय वाले रिटर्न आपको कर कटौती और छूट का लाभ उठाकर कर देयता कम करने में मदद करता है।
How to file Zero Income Tax Return online ?
शून्य आयकर रिटर्न ऑनलाइन कैसे फाइल करें:
यदि आपकी वित्तीय वर्ष में कर योग्य आय शून्य है या आयकर दायरा (टैक्स स्लैब) से कम है, तो आप आसानी से ऑनलाइन शून्य आयकर रिटर्न (नील रिटर्न) फाइल कर सकते हैं। आइए इसे चरण-दर-चरण समझते हैं:
1. कागज़ात तैयार करें:
- पैन कार्ड: सुनिश्चित करें कि आपके पास आपका पैन कार्ड नंबर उपलब्ध है।
- फॉर्म 16 (यदि लागू हो): यदि आपको TDS प्राप्त हुआ है, तो आपके पास फॉर्म 16 होना चाहिए।
- डिजिटल हस्ताक्षर (यदि उपलब्ध है): डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग करने से प्रक्रिया तेज हो सकती है।
2. इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाएं:
आयकर विभाग की ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं: https://www.incometax.gov.in/iec/foportal
3. लॉग इन करें:
- अपने पैन कार्ड नंबर, पासवर्ड और कैप्चा कोड का उपयोग करके लॉग इन करें।
- यदि आपका खाता नहीं है, तो आपको पहले पंजीकरण करना होगा।
4. ई-फाइल चुनें:
डैशबोर्ड पर, “ई-फाइल” टैब पर क्लिक करें और फिर “आयकर रिटर्न” चुनें।
5. “आयकर रिटर्न दाखिल करें” चुनें:
आपको दो विकल्प दिखाई देंगे: “नई फाइलिंग शुरू करें” या “फाइलिंग फिर से शुरू करें“। यदि आप पहले से ही अपनी विवरणी भर रहे हैं और उसे बाद में भरना चाहते हैं, तो “फाइलिंग फिर से शुरू करें” चुनें। अन्यथा, “नई फाइलिंग शुरू करें” चुनें।
6. करदाता का प्रकार चुनें:
चूंकि आप शून्य आयकर रिटर्न फाइल कर रहे हैं, “व्यक्तिगत आयकरदाता” और फिर उपयुक्त उप-प्रकार (जैसे निवासी/गैर-निवासी भारतीय) चुनें।
7. आकलन वर्ष चुनें:
जिस वित्तीय वर्ष के लिए आप रिटर्न फाइल कर रहे हैं, उसका आकलन वर्ष चुनें।
8. ITR फॉर्म चुनें:
शून्य आयकर रिटर्न के लिए, आपको “ITR-1 (सहज)” फॉर्म चुनना होगा।
9. विवरण भरें:
फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी ध्यान से भरें। चूंकि आपकी आय शून्य है, इसलिए आपको आय या कटौती से संबंधित अधिकांश वर्गों को रिक्त छोड़ना होगा।
सुनिश्चित करें कि आप बैंक खाता विवरण, निवास का पता और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज करते हैं।
10. सत्यापन करें और जमा करें:
- एक बार सभी विवरण भर लेने के बाद, सावधानीपूर्वक सभी जानकारी की समीक्षा करें।
- फॉर्म को जमा करने से पहले, आपको इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित करना होगा। आप “आधार OTP“, “नेट बैंकिंग“, या “डिजिटल हस्ताक्षर” का उपयोग करके सत्यापन कर सकते हैं।
- सत्यापन के बाद, फॉर्म “सबमिट” करें।
- आपको अपनी जमा की पुष्टि के साथ एक अटैचमेंट (e-acknowledgement) प्राप्त होगा। इसे सुरक्षित स्थान पर सहेजें।
How much I have to pay for Zero Income Tax Return ?
आपको शून्य आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए कोई “शुल्क नहीं देना होता है”। चूंकि आपकी कर योग्य आय शून्य है, इसलिए सरकार शुल्क नहीं लेती है।
Is there any penalty for nil return if my income is zero ?
नहीं, यदि आपकी आय शून्य है और आप समय पर शून्य आयकर रिटर्न (नील रिटर्न) दाखिल करते हैं, तो आपको कोई जुर्माना नहीं देना होगा। शून्य आय पर कर देयता नहीं होने के कारण सरकार जुर्माना नहीं लगाती है।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ स्थितियों में जुर्माना लग सकता है:
- देर से दाखिल करना: भले ही आपकी आय शून्य हो, शून्य आयकर रिटर्न भी उसी निर्धारित समय सीमा के अंदर दाखिल करना होता है जो अन्य आयकर रिटर्न के लिए है। यदि आप रिटर्न देर से दाखिल करते हैं, तो प्रति माह ₹1,000 या देय कर का 1% (जो भी अधिक हो) का जुर्माना लग सकता है।
- गलत जानकारी देना: यदि आप जानबूझकर गलत जानकारी देते हैं या रिटर्न में कोई महत्वपूर्ण जानकारी छिपाते हैं, तो आपको ₹5,000 तक का जुर्माना या आयकर अधिनियम के अनुसार दंड भुगतान करना पड़ सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप रिटर्न में दी गई जानकारी को पूरी तरह से सही और सटीक रखें।
इसलिए, भले ही आपकी आय शून्य हो, यह सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित दो बातों का ध्यान रखें:
- समय पर फाइल करें: निर्धारित समय सीमा के अंदर अपना शून्य आयकर रिटर्न दाखिल करें।
- सटीक जानकारी दें: रिटर्न में दी गई सभी जानकारी पूरी तरह से सही और सटीक होनी चाहिए।
What if i have Zero Income and I never files Zero Income Tax Return ?
हालांकि, आपकी इनकम शून्य है और आप ज़ीरो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, इसमें कुछ संभावित जोखिम और मुश्किलें हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
भविष्य में परेशानी:
- ऋण प्राप्त करना मुश्किल: लोन लेने के समय यदि आपने कोई टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो यह आपकी वित्तीय स्थिति का प्रमाण न होने के कारण लोन मिलने में परेशानी खड़ी कर सकता है।
- सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में कठिनाई: कुछ सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के लिए आयकर रिटर्न अनिवार्य है। रिटर्न न होने से आप ऐसे लाभों से वंचित रह सकते हैं।
- विदेशी वीजा आवेदन के लिए समस्या: वीजा आवेदन में आयकर रिटर्न आपकी वित्तीय स्थिति का प्रमाण के रूप में काम करता है। बिना रिटर्न के वीजा मिलने में दिक्कत हो सकती है।
- क्रेडिट इतिहास बनाने में असुविधा: यदि आप भविष्य में क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो रिटर्न दाखिल न करने से आपका क्रेडिट इतिहास स्थापित नहीं होगा, जिससे क्रेडिट प्राप्त करना कठिन हो सकता है।
- टैक्स विभाग की नोटिस मिलना: भविष्य में, आयकर विभाग आपको रिटर्न न भरने के कारण नोटिस भेज सकता है, जिससे आपको स्पष्टीकरण देना पड़ सकता है।
- भविष्य में कर देयता में दिक्कत: भले ही अभी आपकी आय शून्य है, भविष्य में आपकी आय बढ़ सकती है। ऐसे में अगर आपने पहले कभी रिटर्न नहीं भरा है, तो यह आने वाले समय में कर देयताओं का पता लगाने और उन्हें पूरा करने में दिक्कतें पैदा कर सकता है।
जुर्माना और दंड:
- देर से रिटर्न भरने पर जुर्माना: भले ही आपकी आय शून्य हो, शून्य आयकर रिटर्न दाखिल करने में देरी होने पर जुर्माना लग सकता है।
- गलत या कोई रिटर्न न भरने पर दंड: अगर आप अनजाने में भी गलत जानकारी देते हैं या जानबूझकर रिटर्न नहीं भरते हैं, तो आपको भारी जुर्माना या दंड भी भरना पड़ सकता है।
यह सलाह दी जाती है कि भले ही आपकी आय शून्य हो, फिर भी आप समय पर शून्य आयकर रिटर्न दाखिल करें। इससे भविष्य में आपको किसी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
हमें उम्मीद है की आपको ये ब्लॉग में “What is Zero Income Tax Return ?” के बारे में जान्ने को बहुत कुछ नया मिला होगा।
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